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Sunday, 11 September 2011

विकीलीक्स(wikileaks):विपक्षी बयान पर पागल जूलियन असांज?!

किसी की अभिव्यक्ति को अपने पक्ष या विपक्ष मेँ लेना खतरनाक है.वैचारिक जगत दो ही पक्ष हैं- सत्य व असत्य.

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From: Ashok kumar Verma Bindu <akvashokbindu@yahoo.in>
To: "go@blogger.com" <go@blogger.com>
Date: रविवार, 11 सितंबर, 2011 11:48:02 पूर्वाह्न GMT+0000
Subject: विकीलीक्स(wikileaks):विपक्षी बयान पर पागल जूलियन असांज?!

विकीलीक्स कब किसकी सच्चाई उगल दे,इसका कुछ पता नहीँ.नेता,मंत्री,शासक, प्रशासक,आदि सब इसके द्वारा अपनी सच्चाई जानने के बाद बौखला जाते है.सच्चाई को पचा पाने की दम बैसे भी कितनों को होती है?विकीलिक्स की ओर से आए दिन किए जा रहे खुलासा पर उत्तर प्रदेश की मायावती ने जमकर पलटवार किया है.मायावती ने जमकर पलटवार किया है.मायावती ने विकीलिक्स के तमाम खुलासों को बेबुनियाद और तथ्यहीन करार देते हुए इसके मालिक जूलियन असांज को पागल करार दिया.मायावती का कहना है कि विकीलीक्स का मालिक पागल हो गया है या फिर वह विरोधी पार्टियों के हाथों खेलकर उनकी सरकार के खिलाफ साजिश रच रहा है.


फिल्मों मेँ एक सच्चाई होती है. नेता, अफसर, आदि सबके सब गुण्डों,माफियाओं,आदि के समर्थन मेँ खड़े पाये जाते है.सबके सब धर्म,कानून,आदि के विरोध मेँ खड़े मेँ पाये जाते हैँ .इतना नैतिक पतन हो गया है कि सच्चाई पर चलने वाले को पागल,सनकी,आदि कह कर समाज मेँ उसे उपेक्षित व अन्दर अन्दर उसके खिलाफ साजिशें रची जाती हैँ.सच्चाई के लिए जीने वाले को पहला विरोध अपने परिवार से ही झेलना पड़ता है.धन्य!शासन प्रशासन!अन्नाजय!

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