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Friday, 5 August 2011

जन उपेक्षाओं के बिना लोकपाल निरर्थक

कांग्रेस के जनविरोधी लोकपाल के विरोध में रुकुम सिंह,विपिन गंगवार,रेहान बेग,अरुण कुमार,खुशीराम वर्मा ,राजेन्द्र प्रसाद ,सुजाता देवी शास्त्री, आदि ने अपने विचार रखे.कार्यक्रम का संचालन राजेन्द्र प्रसाद शर्मा व अध्यक्षता श्यामाचरन वर्मा ने की.

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Date: शुक्रवार, 5 अगस्त, 2011 9:19:43 पूर्वाह्न GMT+0000
Subject: जन उपेक्षाओं के बिना लोकपाल निरर्थक लेखक : अशोक कुमार वर्मा 'बिन्दु'

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Date: शुक्रवार, 5 अगस्त, 2011 9:16:36 पूर्वाह्न GMT+0000
Subject: जन उपेक्षाओं के बिना लोकपाल निरर्थक लेखक : अशोक कुमार वर्मा 'बिन्दु'

(मीरानपुर कटरा)प्रजातन्त्र मेँ प्रजा का महत्वपूर्ण हस्तक्षेप आवश्यक है और उसे विश्वास मेँ लिए बिना सरकारों के कार्य प्रजा का गला घोटने वाले हैँ.लोकपाल विधेयक पर जनता के अरमानों का गला घोट कर केन्द्र सरकार ने अपने प्रजातन्त्र विरोधी चरित्र को उजागर किया है.

केन्द्र सरकार द्वारा पेश किए गये लोकपाल विधेयक का विरोध करते हुए मानवता हिताय सेवा समिति उप्र के संस्थापक अशोक कुमार वर्मा 'बिन्दु'ने बताया कि जनहित व देशहित से बढ़ कर कोई हित नहीं हो सकता.कांग्रेस के लोकपाल विधेयक ने यह साबित कर दिया है कि कांग्रेस आम आदमी से हट कर कुछ मुट्ठी भर लोगों का हित चाहती है.जो सन 1947ई0 तक अंग्रेजों की हाँहजूरी करते रहे ,वे व उनके वंशज क्या कांग्रेस में बिल्कुल नहीं हैँ? सन 1947ई0 से लार्ड माउण्टबेटन की कृपा से कांग्रेस के चरित्र की उल्टी गिनती प्रारम्भ हो चुकी थी व गांधी कांग्रेस को भंग करना चाहते थे वो तो यहां की जनता कूपमंडूक है जो कि वह कांग्रेस की असलियत को जानना ही नहीं चाहती या जान कर भी निजस्वार्थ में कांग्रेस को वोट देती आयी है....अब "जिसका अन्ना को समर्थन नहीं उसको वोट नहीं" पर चलना होगा.

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