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Monday 1 August, 2011

कांवरियों कहां है - धर्म?

हम बचपन से धार्मिक होने की कोशिस कर रहे हैं लेकिन अभी तक धार्मिक हो नहीं पाये है . हमेँ तजुब्ब होता है धार्मिकों की पूरी की पूरी भीड़ देख कर,इतने लोग धार्मिक?लेकिन तब भी देश मेँ भ्रष्टाचार व कुप्रबन्धन?इन दिनों कांवरियों की अच्छी खासी भीड़ सड़कों पर नजर आ जाती है.हमेँ ताज्जुब है कि ये कांवरिये धार्मिक हैं?हमेँ कोई भी धार्मिक नजर नहीं आया है . जरुर मेरी दृष्टि मेँ खोट है?ऐसा हो नहीं सकता कि एक भी धार्मिक न हो?

"धृति क्षमादमास्तेयमशौचममिन्द्रिय निग्रह

धीर्विद्यासत्यमक्रोधो दशकम धर्म लक्षणम. "


न जाने क्यों हम अभी तक महापुरुषों व ग्रन्थों से सीख लेते रहे लेकिन अभी तक धार्मिक नहीं हो पाये.और ये चलते फिरते धार्मिक किसी महापुरुष व किसी ग्रन्थ पर शोध दृष्टि नहीं रखते,जिसे सहयोग की जरुरत हो उसे सहयोग नहीं दे सकते,निर्जीव के लिए सजीव का अस्तित्व ही समाप्त कर देते हैं.... ऐसा हम नहीं कर सकते . तो हम काहे को धार्मिक?मै धर्मस्थलों इन पंथों से हट निर्गुण पंथ पर !
शेष फिर .......


अशोक कुमार वर्मा 'बिन्दु'

विविध कला प्रकोष्ठ

आदर्श बाल विद्यालय इ. कालेज,

मी. पु. कटरा,

शाहजहाँपुर, उ.प्र.

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मेरें Nokia फ़ोन से भेजा गया

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