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Thursday, 28 July 2011

गांधी को क्या नेहरु ने मरवाया : सिर्फ एक कल्पना

गांधी की हत्या ने पूरे देश मेँ खलवली मचा दी.पब्लिक विवश हो कर सिर्फ मुट्ठियां बांध कर खींच कर रह गयी.देशभक्त जनता नेहरु व जिन्ना का पीछे चल पड़ी जनता के बीच दब कर रह गयी थी.दिल्ली मेँ जनता का सैलाब उमड़ पड़ा था.
"बेचारे महात्मा को नेहरु ने सत्ता के लोभ मेँ आकर मरवा ही दिया."-भीड़ मेँ एक ओर से आवाज आयी तो एक युवक बौखला उठा-"कौन बोला?कौन बोला?साला अब क्यों नहीं बोलता?"एक मुस्लिम वृद्ध एक अधेड़ तिलकधारी देखकर बोला -"मैने बोला है , मैने बोला है." मुस्लिम वृद्ध को पकड़ कर झकझोरते हुए-"यें..., नेहरु ने मारा गांधी को...?"


रायसेन मध्यप्रदेश से एक बालक अकेले ही दिल्ली आया हुआ था.जिसको देख कर कभी गांधी बोले थे-"दुनिया मेँ यही बालक है मेरे टक्कर का."इधर-मौ.अबुल कलाम आजाद एक कमरे में बैठे लिखने मेँ व्यस्त थे.गांधी का अन्तिम संस्कार हुए दो दिन गुजर चुके हैं लेकिन-सत्तावादी गांधी की मौत पर सिर्फ घड़ियाली आंसू बहा रहे हैँ.मेरे द्वारा लिखी जाने वाली पुस्तक 'India Wins Freedom'जब प्रकाशित होकर जनता के बीच जायेगी तो शायद देश जिन्ना,पटेल व नेहरु की असलियत समझ सके?और नेहरु व अब के बाद की कांग्रेस को ...


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मेरें Nokia फ़ोन से भेजा गया

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