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Saturday 30 July, 2011

कांग्रेसी दंश : कांग्रेस का काला पृष्ठ

सन 1946ई के अन्त के साथ कांग्रेस के चरित्र की उल्टी गिनती शुरु हो चुकी थी.भारत के कुछ बिकने वालों के सहयोग से इस देश पर विदेशी मंसूबे फलते फूलते रहे हैँ . देश की वर्तमान कंडीशन के लिए दोषी कौन?दादूपुर,वाराणसी के सरस्वती कुमार के अनुसार इसके लिए जिम्मेदार है -"बेटन नेहरु पैक्ट यानी वशीकरण अभियान ". पहला कांग्रेसी दंश था-गांधी के न चाहने के बाबजूद देश का विभाजन . इसके बाद तो कांग्रेस से दंशना प्रारम्भ कर दिया था.जो अभी तक अंग्रेजों की हाँ हजूरी करते थे वे अब कांग्रेस पार्टी का टिकिट लेकर एमपी विधायक थे.और पब्लिक भी मूर्ख?इन्हें ही जिताते आयी.प्रजातन्त्र मेँ प्रजा को ही दोषी मानता हूँ.जो नेता दोषी हैं आखिर उन्हे चुनती तो पब्लिक है? कांग्रेस अनेक मौकों पर प्रजातन्त्र के खिलाफ नजर आयी है. वर्तमान मेँ भ्रष्टाचार व लोकपाल पर कांग्रेस का नजरिया सब जान गये है लेकिन धन्य भारत की पब्लिक...?कांग्रेस की सीटेँ क्या अगले चुनाव मेँ शून्य हो जायेंगी?लोकपाल पर पब्लिक की सहमति को अनसुना कर अन्ना को एक पत्र मेँ पागल तक कह डाला . जीतने के लिए कांग्रेस को वोट चाहिए?अन्ना के मुट्ठी मेँ कितने वोट....?


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मेरें Nokia फ़ोन से भेजा गया

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