करेँ.जनता जागे तो देश जागे.किसी ने कहा है कि अंग्रेजों आदि विदेशी आक्रमणकारियों से शायद इस देश का इतना नुकसान नहीं हुआ जितना कि हमारे अपनों से या नेताओं से.अखण्ड भारत को खण्ड खण्ड करने वाले विदेशी नहीं थे..?विदेशियों ने यहां आना शुरु किया इससे पूर्व ही अखण्ड भारत टूट टूट कर विखर चुका था.आज भी काला धन व सामाजिक राजनैतिक भ्रष्टाचार की जड़ मेँ कौन बैठा है?
हम सरकारी गैरसरकारी व्यवस्थाओं की आलोचना तो करते हैं लेकिन प्रजातंत्र मेँ हम अर्थात प्रजा ही जिम्मेदार है.कोषाध्यक्ष सुजाता देवी शास्त्री ने बताया कि हम सामूहिक जीवन हेतु अपने कर्तव्यों को भूल चुके हैँ.जाति,मजहब.आदि से प्रभावित होकर हम जिन नेताओं को चुनते आये हैं वही हमारे गांव,नगर,जनपद,प्रदेश व देश के कुप्रबंधन व भ्रष्टाचार के लिए जिम्मेदार रहे हैं.
समिति के संस्थापक अशोक कुमार वर्मा 'बिन्दु' ने बताया कि दरअसल हम न प्रकृति के है न ब्रह्म के हैँ वरन निजभौतिक स्वार्थ के लिए जीवन जीने के बीच अपने नेताओं को चुनते आये हैं.यदि आप मेँ थोड़ा सभी ईमान,धर्म,आध्यात्मिकता,इंसानित,आदि बची है तो वोट देने से पहले नेताओं से पूछो-
(1)अन्ना जिस गांव मेँ पैदा होते है उस गांव शराब,बीड़ी,सिगरेट,तम्बाकू,आदि बिकना बंद हो जाती है लेकिन ऐ नेताओं तुम्हारे गांव या शहर मेँ......?!
(2)अन्ना जिस गांव में पैदा होते हैं उस गांव मेँ गरीबी व भुखमरी खत्म हो जाती है लेकिन ऐ नेताओं तुम्हारे गांव या शहर मेँ....?!
(3)अन्ना के गांव के सभी बच्चे स्कूल जाते हैं लेकिन ऐ नेताओं तुम्हारे गांव या शहर के बच्चे....??
(4)अन्ना के गांव निवासी अपने गांव मेँ अपने को सुरक्षित महसूस करते हैं लेकिन ऐ नेताओं तुम्हारे गांव या शहर मेँ.....?!
(5)अन्ना के गांव मेँ पर्यावरण प्रदूषण,गंदगी,खाद्यमिलावट,आदि की समस्याएं नजर नहीं आतीं लेकिन ऐ नेताओं ....?!
(6)अन्ना के गांव मेँ क्षेत्र की समस्याओं के हल के लिए सभी जन व नेता एक साथ नजर आते हैं लेकिन ऐ नेताओं तुम्हारे गांव या शहर मेँ.......?!
(7)अन्ना के गांव मेँ शराबी शराब पीना छोंड़ देते है या छुड़वादी जाती है लेकिन ऐ नेताओं तुम्हारे गांव व शहर मेँ......?!
(8)अन्ना के गांव मेँ अनाज, दूध,सब्जी,आदि सम्बंधी समस्याओं से पब्लिक को जूझना नहीं पड़ता लेकिन ऐ नेताओं ......?!
इस अवसर पर मुख्य अतिथि रोशन लाल गंगवार ने वताया कि इन नेताओं की असलियत समझ कर अपने वोट का इस्तेमाल जाति,मजहब,निजस्वाथं,आदि की भावना से ऊपर उठ कर करें.प्रजातंत्र मेँ प्रजा मालिक होती है ये नेता या जन प्रतिनिधि हमारे मालिक या राजा नहीं है वरन जनसेवक है.सत्ता परिवर्तन से नहीं व्यवस्था परिवर्तन से देश का विकास सम्भव है.अहिंसा व सत्य पर चल हिन्दू मुस्लिम एकता के बल पर देश
अखण्ड भारत,दक्षेस व विश्व सरकार का भी सपना देखा जा सकता है व उसके लिए योजना बनायी जा सकती है.
सचिव,
मानवता हिताय सेवा समिति , उ प्र
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